भारतीय टीम आज से इंग्लैंड के खिलाफ पांचवा टेस्ट मैच खेलने उतरेगी. अगर भारतीय टीम इस मुकाबले को जीतने में कामयाब रहती है तो 15 सालों बाद ऐसा होगा, जब टीम इंडिया इंग्लैंड की धरती पर टेस्ट सीरीज जीतने में कामयाब होगी. रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में जसप्रीत बुमराह टेस्ट मैच में भारतीय टीम की कप्तानी करेंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक ऐसा दौर भी आया था, जब सात टेस्ट मैचों में 6 भारतीय खिलाड़ियों ने टीम इंडिया की कप्तानी की थी. उस समय भारतीय क्रिकेट बहुत मुश्किलों से जूझ रहा था.

लाला अमरनाथ चीफ सिलेक्टर थे और उनकी चयनकर्ताओं से बनती नहीं थी. नवंबर 1958 में वेस्टइंडीज की टीम भारत दौरे पर आई, जहां पांच टेस्ट मैच खेले थे. उस समय वेस्टइंडीज की टीम बहुत ही खतरनाक थी. जबकि भारतीय टीम ने 2 सालों से कोई टेस्ट सीरीज नहीं खेली थी. भारतीय खिलाड़ियों को शुरुआत में काफी मुश्किलें झेलनी पड़ी, क्योंकि मुख्य चयनकर्ता लाला अमरनाथ खिलाड़ियों की योग्यता के आधार पर चयन करने पर जोर देते थे. लेकिन उनके साथी क्षेत्रीय आधार पर खिलाड़ियों को टीम में चुनते थे. आपको ये ख़बरें भी पसंद आएँगी :-

लाला अमरनाथ ने अपने वोट का इस्तेमाल कर 36 साल के गुलाम अहमद को शुरुआती टेस्ट के लिए कप्तान चुना. लेकिन वह घुटने की चोट की वजह से खेल नहीं पाए. ऐसे में पॉली उमरीगर को पहले टेस्ट मैच में टीम इंडिया की कप्तानी करने का मौका मिला और मुकाबला ड्रॉ हो गया. दूसरे टेस्ट में गुलाम अहमद ने कप्तानी की और भारत 203 रन से हार गया. इसके बाद तीसरे टेस्ट में भी गुलाम अहमद ने कप्तानी की. फिर वीनू माखन को कप्तान बनाया गया.

पांचवें टेस्ट के लिए हेमू अधिकारी को कप्तान बनाया गया और मुकाबला ड्रॉ रहा. इसके बाद भारतीय टीम इंग्लैंड दौरे पर गई, जहां पांच मैचों की सीरीज में उसे 5-0 से हार का मुंह देखना पड़ा. इंग्लैंड के खिलाफ पहले मैच में दत्ता गायकवाड ने भारतीय टीम की कप्तानी की. लेकिन अगले मैच में वह चोटिल होने की वजह से नहीं खेले और पंकज रॉय ने टीम इंडिया की कमान संभाली. इस तरह 7 मैचों में 6 खिलाड़ियों ने टीम इंडिया की कप्तानी की थी.क्रिकेट से जुडी ऐसी ही अन्य खबरे पढ़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करना न भूलें।

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