लोगो ने मारे ताने मगर अपने ज़ज़्बे से इन 5 ग्रेजुएट सहेलियों ने कुल्हड़ मैगी का स्टॉल, आज कमा रही लाखो रूपए – जिस व्‍यक्‍ति ने अपने जीवन मे मुसिबतो का सामना किया है, वह आगे जीवन में सफल अवश्‍य हुआ है। यह बात सिर्फ कहने के लिये नहीं है। ऐसे बहुत से मौके है जिसमें इस बात को लोगो द्वारा सिद्ध भी किया गया है। कठिनाई से लड़कर जीने की हिम्‍मत ही सुखद भविष्‍य को निर्मित करता है।

अगर कठिनाई से डरकर कोई बैठ जाये तो वह कभी भी खुशियो से भरा जीवन हासिल नहीं कर पाता है। आज हम ऐसी ही सफलताओ की स्‍टोरी में 5 ग्रेजुएट फ्रेंड की बात करने वाले है।

यह वह सहेलिया (Friends) है, जिन्‍होंने अपने जीवन मे बहुत सी कठिन परिस्‍थिति का सामना किया है। लोगो के ताने सुनना, घर वालो का सपोर्ट हासिल ना होना, यह सब इन सेहेलियो ने अपने जीवन में देखा है। लेकिन इन सब से उन पॉंचो ने कभी हार नहीं मानी और अपना नया स्‍टार्टअप शुरू किया।

पांच ग्रेजुएट सहेलियॉं जिन्‍होने लगाया कुल्‍हड़ मैगी का स्‍टाल

आज की हमारी कहानी दिल्‍ली (Delhi) शहर से है। जहॉ पर 5 सहेलिया जोकि दिल्‍ली यूनिवर्सिटी के करीब में ऑल्‍ड लॉ फेक्‍ट्री के समीप में मैगी की दुकान (Maggi Stall) लगाती है। यह स्‍टॉल वह रोजाना 10 बजे से लेकर 5 बजे तक लगाती है। इस काम में सीमा, प्राची तथा शिवानी साथ में स्‍टॉल पर रहती है तथा अन्‍य दो सहेलिया इस कार्य से ही जुडे दूसरे कामो को देखती है।

इस काम की शुरूआत की बात करे, तो इन लड़कियो (Girls) ने अपना यह काम 23 सितंबर 2021 में प्रारंभ किया था। इन्‍होने इंद्रलोक से अपने काम को प्रारंभ किया। लेकिन किसी कारण वश वह लोग केवल 5 महीने तक ही उस जगह पर अपना स्‍टॉल लगा पाई।

दरअशल कारण यह था कि उस स्‍थान पर शराब की दुकान थी। जिस कारण उनके स्‍टॉल मे काफी दिक्‍कत हो रही थी। वह लोग उतना अधिक मुनाफा नहीं कमा पा रही थी। ऐसे में पॉंचो ने निश्‍चय किया कि वह अपनी स्‍टॉल दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय के पास में लागाएंगी।

ओडीएस नाम है मैगी स्‍टाल का जिसका अर्थ है अनोखा

यह जो 5 सहेलिया मैगी स्‍टॉल लगाती है, उन सभी की उम्र 20 से 21 साल है। यह पॉचो कॉलेज फ्रेड है। कॉलेज के दौरान इन लोगो के मन मे कुछ हटकर करने की मन किया। उन पॉंचो की आर्थिक स्थिति सही नही थी यह पढ़ाई के समय में भी प्राइवेट जॉब किया करती थी।

इन सभी का मन था कि अपना कुछ नया वह आगे करेंगी। जिसके बाद उन्‍होने कुल्‍हड़ में मैगी बेचने कर निश्‍चय किया। उन्‍होने अपने कुल्‍हड़ मैगी स्‍टाल का नाम ओडीएस रखा। जिसका पूरा नाम ओम, ध्रुव, स्‍टार है। जो‍कि काफी हटकर है।

इन सभी का अर्थ अलग अलग है। ओम का मतलब यूनिवर्सल साउंड होता है। वही ध्रुव का अर्थ पोल स्‍टार होता है। वही बात की जाये स्‍टार्स की तो उसका अर्थ कस्‍टमर्स है।

परिवार वालो ने तथा लोगो ने शुरू में मारे काफी ताने

कुल्‍हड़ मैगी स्टॉल को शुरू करने का सफर इन पॉंचो के लिये काफी मुश्‍किल था। बहुत से लोग उन्‍हे ताना मारा करते थे। यहॉं तक की उनके परिवारवाले भी उनके इस कदम से नाराज थे। उन्‍होने कहॉ कि तुम्‍हारे मॉं बाप मर गये है, जो तुम लोग यह स्टॉल लगा रही हो।

कुछ लोग ग्रेजुएट होने के बाद मैगी स्टॉल लगाने पर उन पर हँसा करते थे। घर वालो ने लड़कियो की जिद के आगे स्टॉल लगाने की परमिशन दे दी लेकिन एक शर्त रखी की 6 महीने में इसमें सक्‍सेस होना पड़ेगा।

इन पॉंचो ने खूब मेहनत की और उनकी मेहनत रंग भी लाई। कुछ ही दिन में इनका काम रफ्तार के साथ चलने लगा। यह तीनो अब दिल्‍ली यूनिवर्सिटी के पास मे ही किराये से रहती है।

कुछ लोागो ने तोड़ दिया था स्‍टॉल

पॉचो सहेलिया बताती है कि उनके स्‍टॉल लगाने से आस पास के स्टॉल वालो को काफी नुकसान हो रहा था। जिसके चलते उनके स्‍टॉल को तोड़ भी दिया गया था। परन्‍तु यह पॉंचो हारी नहीं। बल्‍कि फिर से अपना स्टॉल बनाकर काम करने लगी। कई लोगो ने इन पॉंचो का साथ दिया। स्‍टॉल टूट जाने के बाद मे जमीन पर भी इन्‍होने स्‍टॉल लगाई है।

कुल्‍हड़ में मैगी देने का यह कारण बताया

इनकी स्‍टॉल इतनी फैमस इसिलए हुई, क्‍योंकि इनका मैगी देने का अंदाज बहुत ही निराला है। यह लोग प्‍लेट में नही बल्‍कि कुल्‍हड़ में मैगी देती है। इसके अलावा राजमा तथा चावल भी साथ में सर्व करती है।

कुल्‍हड उपयोग करने के अपने इस कदम पर यह पॉंचो सहेलिया कहती है कि हम जानते है कि कुल्‍हड़ इको फ्रेंडली है। इस कारण लोग उनका काफी सपोर्ट करते है। पर्यावरण के लिये कुल्‍हड काफी अच्‍छा है इससे लोगो को रोजगार भी प्राप्‍त होता है। इसिलए हम इसका उपयोग करते है।

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