इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) के सॉफ्ट सिग्नल नियम से बेन स्टोक्स कुछ खास खुश नहीं हैं। उनका मानना है कि आईसीसी को इस नियम से छुटकारा पा लेना चाहिए और थर्ड अंपायर को ही फैसला लेना चाहिए।

सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीन मैचों की सीरीज का आखिरी टेस्ट मैच खेला जा रहा है। मैच के पहले दिन (4 जनवरी) ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज मार्नस लाबुशेन को स्लिप में कैच आउट होने के बाद जीवनदान मिला था। इस कैच को लेकर सोशल मीडिया पर विवाद सा छिड़ गया और इसको लेकर अब बेन स्टोक्स ने अपनी बात रखी है।

स्टोक्स ने ट्विटर पर लिखा, ‘आईसीसी को सॉफ्ट सिग्नल नियम से अब पीछा छुड़ा लेना चाहिए और तीसरे अंपायर जिसके पास सारी टेक्नॉलजी उपलब्ध रहती है, उसे ही इस पर फैसला लेना चाहिए, जब ऑनफील्ड अंपायर ऐसे फैसलों को उन तक भेजे। सॉफ्ट सिग्नल आउट दिया गया है इसको लेकर ही सारे विवाद रहते हैं। लेकिन यह कमेंट अंपायर के किसी फैसले पर नहीं है, बस जानकारी के लिए।’

दरअसल मैच के पहले दिन 40वें ओवर की पांचवीं गेंद पर लाबुशेन के बल्ले का किनारा लेकर गेंद स्लिप में साइमन हार्मर के हाथों में गई। हार्मर ने दावा किया कि उन्होंने कैच सफाई से पकड़ा, लेकिन ऑनफील्ड अंपायर ने सही काम करते हुए फैसला सीधा थर्ड अंपायर के पास भेज दिया कि क्या कैच सफाई से लिया गया है या नहीं? थर्ड अंपायर ने रिप्ले देखने के बाद लाबुशेन को नॉटआउट करार दे दिया।

क्या कहता है आईसीसी का सॉफ्ट सिग्नल नियम?

अगर ऑनफील्ड अंपायर पहले आउट का इशारा कर देता है और यह फैसला थर्ड अंपायर तक जाता है कि कैच सफाई से लिया गया है या नहीं? तो ऐसे में अगर थर्ड अंपायर को रिप्ले में अगर पर्याप्त सबूत नहीं मिलते हैं कि ऑनफील्ड अंपायर का फैसला गलत है, तो ऐसे में बल्लेबाज को सॉफ्ट सिग्नल के आधार पर आउट या नॉटआउट माना जाता है।

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