KL Rahul को तो सिर्फ फसाया जा रहा है, इनके कहने पर हटाये गये कुलदीप। ये भारतीय क्रिकेट का भट्ठा बैठा कर मानेंगे – कुलदीप यादव विवाद के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की ईमानदारी पर सवाल उठने लगे हैं। बीसीसीआइ की हालत आखिर डांवाडोल क्यों है ? 

राजनीतिक कारणों से सौरव गांगुली को अध्यक्ष पद से तो रुखसत कर दिया गया लेकिन क्या रोजर बिन्नी उनसे बेहतर काम कर रहे हैं ? हैरानी की बात ये है कि जो क्रिकेट प्रबंधक क्रांतिकारी नतीजों की बात कर रहे थे आज वे कामचलाऊ व्यवस्था में काम कर रहे हैं। आपको ये ख़बरें भी पसंद आएँगी :-

बल्कि कहें तो टीम का भट्ठा बैठा रहे हैं। जिस गेंदबाज (कुलदीप यादव) ने बांग्लादेश में भारत को बॉलिंग और बैटिंग से मैच जिताया उसे अगले टेस्ट से बाहर कर दिया। ऐसा क्यों ? बीसीसीआइ एक स्वायत्त संस्था है लेकिन वह भारत की जनता के प्रति उत्तरदायी है। उसे इस सवाल का जवाब देना होगा। 

टीम के कोच और कप्तान ये नहीं कह सकते कि कुलदीप टीम की रणनीति के हिसाब से फिट नहीं बैठ रहे थे। उन्हें इसका कारण बताना होगा। 2018 में केन्द्रीय सूचना आयोग ने बीसीसीआइ को RTI के दायरे में ला दिया था।

BCCI कितना पारदर्शी ?

जब केन्द्रीय सूचना आयोग ने बीसीसीआइ पर आरटीइ का शिकंजा कसा था तब बोर्ड से जुड़े कुछ शक्तिशाली लोग तिलमिला गये थे। उन्होंने इसका विरोध किया था। जाहिर है वे अपनी मनमानी के लिए पुरानी व्यवस्था बनाये रखना चाहते थे। 

‘रणनीति’ के नाम पर वे पक्षपात की गुंजाइश बनाये रखना चाहते थे। लेकिन अब रोजर बिन्नी को बताना होगा कि कुलदीप यादव को बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टेस्ट से बाहर क्यों किया गया ? आखिर अभी टीम कौन चुन रहा है ? कप्तान केएल राहुल, कोच राहुल द्रविड़ या फिर बीसीसीआइ के आका ? 

टीम इंडिया टी-20 वर्ल्ड कप हार गयी इसलिए चेतन शर्मा वाली चयन समिति को बर्खास्त कर दिया गया। लेकिन आज तक नयी चयन समिति का चयन नहीं हो सका। कहा जा रहा है कि नये चयनकर्ताओं के लिए 27 दिसम्बर से इंटरव्यू होना है। अब सवाल ये है कि जब सेलेक्शन कमेटी अस्तित्व में नहीं है तो टीम का चुनाव कौन कर रहा है ? क्या पर्दे की ओट से कुछ पुराने मठाधीश खेल कर रहे हैं ?

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