भारत और श्रीलंका के बीच टी20 सीरीज का दूसरा मुकाबला गुरुवार 5 जनवरी को पुणे में खेला जाएगा। इस मैच में भारत अगर जीतता है तो सीरीज भी जीत जाएगा, जबकि श्रीलंका के जीतने पर सीरीज बराबर होगी।

हार्दिक पांड्या की भारतीय टीम गुरुवार को श्रीलंका के खिलाफ दूसरा टी20 मैच जीतकर सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त बनाना चाहेगी। पांड्या ने खेल के सबसे छोटे प्रारूप में ‘नये दृष्टिकोण’ के साथ भारत की अगुवाई करने का इरादा बनाया है और यहां एमसीए स्टेडियम पर आक्रामक तरीके से जीत दर्ज करना इस दिशा में एक अच्छी शुरुआत होगी। पांड्या के पास यह जीत हासिल करने के लिए एक युवा तेज गेंदबाजी आक्रमण है, जिसके सबसे अनुभवी गेंदबाज छह माह पहले पदार्पण करने वाले अर्शदीप सिंह हैं।

हालांकि, पहले टी20 में यह बात भारत के लिए चिंता का कारण नहीं बनी और पांड्या की टीम ने अर्शदीप के बिना भी 162 रन के स्कोर की रक्षा सफलतापूर्वक कर ली। बुखार के कारण मैच से बाहर रहने वाले अर्शदीप की जगह भारत ने शिवम मावी को मैदान पर उतारा। मावी ने अपने चार ओवरों 22 रन देकर चार विकेट लेते हुए टीम प्रबंधन के इस फैसले को सही साबित किया। मावी के साथी उमरान मलिक अक्सर महंगे साबित हुए हैं, लेकिन मुंबई में उन्होंने भी अपने चार ओवरों में सिर्फ 27 रन देकर दो सफलताएं हासिल कीं। दूसरे टी20 में अर्शदीप की वापसी इन दोनों युवाओं को संबल प्रदान करेगी।

हालांकि, भारत को बल्लेबाजी के मोर्चे पर आत्मनिरीक्षण करना होगा। भारत ने मुंबई में पहले ओवर में 17 रन जोड़े, लेकिन इसके बाद सभी बल्लेबाज ‘आक्रामक रुख’ अपनाने की कोशिश में अपना विकेट गंवाते चले गए। छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे दीपक हुड्डा ने आखिरकार 23 गेंदों पर 41 रन की विस्फोटक पारी खेलकर टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। ऊपरी क्रम को टीम को मजबूत शुरुआत देने की जरूरत है, हालांकि बल्लेबाजी में गहराई होने के कारण उनके पास जोखिम उठाने की सुविधा होगी।

दूसरी ओर, पहले टी20 में श्रीलंका की बल्लेबाजी ने भी उन्हें कई सवालों के जवाब तलाशने के लिए मजबूर कर दिया। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम की पिच दूसरी पारी में ओस के कारण बल्लेबाजों के लिए ज्यादा कारगर साबित होती है, लेकिन श्रीलंकाई बल्लेबाज इस विकेट पर 162 रन का मामूली स्कोर भी हासिल नहीं कर सके। दसुन शनाका और चमिका करुणारत्ने ने अंत में तेज बल्लेबाजी की मगर श्रीलंका जीत से दो रन दूर रह गयी। श्रीलंका को सीरीज में जीवित रखने के लिये पथुम निसंका, कुसल मेंडिस और धनन्जय डी सल्विा जैसे बल्लेबाजों से सुसज्जित बल्लेबाजी क्रम को प्रदर्शन करना होगा।

श्रीलंका ने भारत को उसी के घर में छह साल से नहीं हराया है। हालांकि, भारतीय सरजमीं पर उनकी आखिरी जीत 2016 में पुणे के इसी मैदान पर आयी थी। श्रीलंका को उम्मीद होगी कि वह गुरुवार को इस नतीजे को दोहराकर सीरीज 1-1 से बराबर कर सके। इसके बाद सीरीज डिसाइडर मैच शनिवार 7 जनवरी को राजकोट में खेला जाएगा। अगर पुणे में भारत जीतता है तो फिर ये मुकाबला ज्यादा खास नहीं रहेगा।

Category :

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *